Spear Phishing एक अत्यधिक लक्षित साइबर
धोखाधड़ी है, जिसमें ठग विशेष रूप से किसी
व्यक्ति, संस्था, या संगठन को निशाना बनाकर
संवेदनशील जानकारी चुराने का प्रयास करते हैं। यह आमतौर पर ईमेल, सोशल मीडिया, या अन्य डिजिटल संचार
माध्यमों के जरिए किया जाता है।
आम फ़िशिंग हमलों की तुलना में, स्पीयर फ़िशिंग अधिक खतरनाक होता है क्योंकि इसमें साइबर अपराधी पहले पीड़ित की व्यक्तिगत या व्यावसायिक जानकारी एकत्र करते हैं और फिर उस जानकारी का उपयोग करके अत्यधिक विश्वसनीय नकली संदेश भेजते हैं।
स्पीयर फ़िशिंग कैसे किया
जाता है?
1. लक्ष्य व्यक्ति या संगठन की
जानकारी जुटाना
ठग पहले अपने शिकार के बारे में रिसर्च करते
हैं। सोशल मीडिया, लिंक्डइन, कंपनी वेबसाइट, या डेटा लीक हुई सूचनाओं से
वे व्यक्ति का नाम, पद, ईमेल, सहकर्मियों के नाम, बॉस का नाम, और अन्य जानकारी प्राप्त
करते हैं।
2. नकली संदेश तैयार करना
साइबर अपराधी व्यक्ति को बेवकूफ बनाने के लिए
उसकी कंपनी या किसी विश्वसनीय व्यक्ति की ओर से ईमेल भेजते हैं।
उदाहरण
के लिए:
- HR
विभाग से नकली ईमेल – "आपकी सैलरी बढ़ोतरी की प्रक्रिया के लिए कृपया इस लिंक पर
क्लिक करें।"
- बॉस के नाम से ईमेल
– "क्या आप तुरंत
इस फाइल को डाउनलोड कर सकते हैं?
यह गोपनीय डेटा है।"
- बैंक या पेमेंट सर्विस से ईमेल – "आपके खाते में असामान्य गतिविधि पाई गई है। कृपया अपनी
लॉगिन जानकारी सत्यापित करें।"
3. लिंक या अटैचमेंट के जरिए
मालवेयर भेजना
ईमेल या मैसेज में दिए गए लिंक पर क्लिक करने
से यूजर को एक नकली वेबसाइट पर ले जाया जाता है, जहां उसे अपनी लॉगिन जानकारी दर्ज करनी पड़ती
है। जैसे ही यूजर अपनी जानकारी डालता है, वह सीधा ठगों के पास पहुंच जाती है।
कभी-कभी, अटैचमेंट खोलते ही वायरस या
मालवेयर इंस्टॉल हो जाता है, जिससे हैकर को सिस्टम का पूरा एक्सेस मिल जाता
है।
4. संवेदनशील डेटा चुराना और
धोखाधड़ी करना
एक बार जब साइबर अपराधी लॉगिन क्रेडेंशियल, बैंक डिटेल्स, या अन्य संवेदनशील जानकारी
प्राप्त कर लेते हैं, तो वे पैसे चुराने, फर्जी ट्रांजैक्शन करने, या कंपनी के नेटवर्क को
नुकसान पहुंचाने जैसे काम कर सकते हैं।
स्पीयर फ़िशिंग के उदाहरण
✔ कॉर्पोरेट ईमेल स्कैम – एक कंपनी के CFO (Chief Financial
Officer) को CEO के नाम से ईमेल मिलता है:
"हमारे
नए सप्लायर को तुरंत $50,000 ट्रांसफर करें।"
अगर CFO बिना सत्यापन किए भुगतान कर
देता है, तो पैसे ठगों के खाते में
चले जाते हैं।
✔ सोशल मीडिया धोखाधड़ी – किसी व्यक्ति को उसके दोस्त
के नाम से मैसेज आता है:
"मैं
फंसा हुआ हूँ, कृपया तुरंत ₹5,000 ट्रांसफर कर दो।"
अगर
व्यक्ति भरोसा करके पैसे भेज देता है, तो ठग उसे चुरा लेते हैं।
✔ फर्जी टेक सपोर्ट – किसी कर्मचारी को IT डिपार्टमेंट के नाम से ईमेल
मिलता है:
"आपका
पासवर्ड एक्सपायर हो रहा है। कृपया तुरंत रीसेट करें।"
लिंक
पर क्लिक करते ही पासवर्ड ठगों को मिल जाता है।
✔ बैंक या पेमेंट सर्विस का
नकली ईमेल –
"Paytm से: आपकी KYC अपडेट नहीं है, इस लिंक पर क्लिक
करें।"
लोग
लिंक पर क्लिक कर अपने बैंक डिटेल्स डालते हैं और ठग उनके पैसे निकाल लेते हैं।
स्पीयर फ़िशिंग से कैसे बचें?
✅ 1. अनजान ईमेल या लिंक पर क्लिक
करने से पहले सोचें
अगर
कोई ईमेल आपको जल्दबाजी में निर्णय लेने के लिए कहता है, तो पहले पुष्टि करें।
✅ 2. ईमेल भेजने वाले की पहचान
सत्यापित करें
अगर
आपको किसी सहयोगी, बॉस, या बैंक की ओर से संदिग्ध
ईमेल मिले, तो पहले उनके आधिकारिक नंबर
पर कॉल करके सत्यापन करें।
✅ 3. दो-चरणीय सत्यापन (Two-Factor Authentication -
2FA) चालू
करें
अगर
ठग आपका पासवर्ड चुरा भी लेते हैं, तो 2FA की वजह से वे आपके खाते में प्रवेश नहीं कर
पाएंगे।
✅ 4. एंटी-वायरस और सिक्योरिटी
सॉफ्टवेयर अपडेट रखें
अगर
गलती से कोई संदिग्ध फाइल खुल भी जाए, तो सिक्योरिटी सॉफ़्टवेयर सिस्टम को सुरक्षित
रखने में मदद करेगा।
✅ 5. मजबूत और अलग-अलग पासवर्ड का
उपयोग करें
हर
अकाउंट के लिए अलग पासवर्ड रखें और पासवर्ड मैनेजर का उपयोग करें।
✅ 6. संदेहास्पद ईमेल अटैचमेंट्स
न खोलें
अगर
अटैचमेंट में .exe, .zip, .js, .docm जैसे एक्सटेंशन हैं, तो पहले सावधानी से जांच
करें।
✅ 7. ईमेल में दिए गए लिंक को
जांचें
किसी
भी लिंक पर क्लिक करने से पहले उसे होवर (माउस ले जाकर देखना) करके देखें कि वह
सही वेबसाइट पर जा रहा है या नहीं।
✅ 8. स्पीयर फ़िशिंग प्रयासों की
रिपोर्ट करें
अगर
आपको ऐसा कोई फ़र्जी ईमेल या कॉल आए, तो इसे संबंधित कंपनी, बैंक, या cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें।
निष्कर्ष
स्पीयर फ़िशिंग एक बेहद खतरनाक ऑनलाइन धोखाधड़ी
है, जिसमें अपराधी किसी विशेष
व्यक्ति या संगठन को लक्ष्य बनाकर व्यक्तिगत और संवेदनशील जानकारी चुराते हैं। यह सामान्य
फ़िशिंग से अधिक प्रभावी होता है क्योंकि इसमें ठग पहले पीड़ित की जानकारी जुटाते
हैं और फिर अत्यधिक विश्वसनीय ईमेल या संदेश भेजते हैं।
🔹 अनजान ईमेल, कॉल या मैसेज पर भरोसा न
करें।
🔹 कभी
भी बैंक डिटेल्स, पासवर्ड, या OTP किसी को न बताएं।
🔹 अगर
कोई ईमेल संदिग्ध लगे तो सीधे संबंधित कंपनी या व्यक्ति से संपर्क करें।
🔹 साइबर
क्राइम हेल्पलाइन 1930
या cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें।
"सतर्कता ही सुरक्षा
है!"